मुंबई के आतंकी पागलपन को गुजरे कई दिन हो गए...लेकिन चौबीसों घंटे टीवी चैनलों पर तबाही का जो मंजर दिखाया गया वो अभी ताज़ा है...घाव अभी सूखा नहीं है....आतंकी हमले पहले भी हुए हैं...लेकिन जो खूनी छाप इन हमलों ने छोड़ी है...उसे मिटाना बहुत मुश्किल है....बहुत मुश्किल है...मोशे को भूलना...रोता बिलखता मोशे...जिसे कमांडो ऑपरेशन में बचाया गया....दो साल का मोशे जिसके मां बाप नरीमन हाउस में आतंकियों की भेंट चढ़ गए...वही मोशे अब सात समंदर पार अपने वतन इस्राइल लौट गया है....लेकिन उसका चेहरा पूरी दुनिया में आतंकवाद के खिलाफ सबसे बड़े प्रतीक के तौर पर उभर कर सामने आया है....उसका रोना दिल को हिला देने वाला है....उसके आंसू किसी पत्थरदिल को भी पिघलाने की कूवत रखते हैं....मोशे जिस प्लेन से अपने वतन लौटा उसी प्लेन पर ताबूत में उसके मां-पिता के शव भी भेजे गए...मोशे को अभी नहीं मालूम कि आतंकवाद क्या होता है...आतंकवादी क्या होते हैं....उसे तो ये भी नहीं मालूम कि किस जुर्म की सजा उसे मिली...उसे क्या मालूम कि उसका बचपन अब कभी पहले जैसा नहीं हो पाएगा....लेकिन हमें मालूम है....हमें मालूम है कि उसके मां-बाप अब कभी लौटकर नहीं आएंगे...कभी उसकी मां उसे गोद में नहीं खिला पाएगी....पिता का दुलार भी उसे भला कब मिल पाएगा....
क्या आपने मुंबई की उस अजीब सी सुबह में इस्राइली प्रार्थनाघर में वो मातम की भीड़ देखी थी...अगर देखी होगी तो क्या आप अपने आंसूओं पर काबू रख पाए होंगे....वो लोग मोशे के मां-पिता की मौत का मातम मनाने जुटे थे...उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की जा रही थी...उसी भीड़ में मोशे भी चुपचाप बैठा था....उसके हाथों में लाल गेंद भी थी...साइनागॉग में बेशुमार लोगों की भीड़ के बीच भी उदास कर देने वाली खामोशी थी....जब भी मोशे रोता....लोग उसके साथ रोते....
अब मोशे अपने वतन लौट गया है
अब अगर सच्चे मन से कोई प्रार्थना करनी है तो बस यही कीजिए कि एक बार फिर से मोशे मुस्करा सके....
एक बार फिर से उसके चेहरे पर हंसी लौट आए....
इन जख्मों को भूलकर वो फले फूले
मोशे एक बार फिर से मुस्कुराए
आमीन
2 comments:
नन्हें मोशे का ग़म बांट पाना तो बहुत मुश्किल है ...सिर्फ उसकी आगे की ज़िंदगी की खुशहाली के लिए दुआ कर सकते हैं..
भगवान, अल्लाह, खुदा या गॉड जो कोई भी हो उसे खुश रखे यही प्रार्थना।
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